Hindi Adult Shayari:- बिछाए हुए जाल हैं।




नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं कि चूत पे बाल हैं;
गौर फरमाएं
नादाँ हैं वो लोग जो कहते हैं चूत पे बाल हैं;
अरे ये तो लौड़े को फ़साने के लिए बिछाए हुए जाल हैं।

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